आदमी हाथियों के पास से गुजरते हुए उन्हें देखकर अचानक रूक गया। वह इस बात से उलझन में था कि इतने विशाल और ताकतवर जीव के सिर्फ आगे के एक पैर में एक पत्ली रस्सी बांध कर कैसे रखा जा सकता है! न कोई लोहे की chain, न कोई पिंजरा। जबकि उसे इस बंधन से मुक्त होने में शायद एक सेकेंड का वक्त भी न लगे और वे इसे एक झटके में तोड़कर आज़ाद हो जाए।
उसने वही हाथियों के trainer को खड़ा पाया और उससे पूछा - ‘ऐसा क्यों है कि ये जानवर यहां इतनी शांति से खड़े है और यहां से भागने या अपने को आज़ाद करने का प्रयास नहीं कर रहे हैं?‘
तब trainer ने कहा - ‘जब ये बहुत young और छोटे थे, उस समय भी हम इसी तरह की रस्सी का प्रयोग इन्हें बांधे रखने के लिए करते थे। वह उस समय इससे छुटकारा पाना के लिए बहुत प्रयास करते लेकिन वह सफल नहीं हो पाते। उस वक्त इतनी बड़ी रस्सी उन्हें बांधे रखने के लिए काफी थी लेकिन वे जैसे-जैसे बड़े होने लगे उनके दिमाग में यह बात बैठ गई कि वह कितनी भी कोशिश कर ले वह इस बंधन को तोड़ नहीं सकते और यही मनोदशा बड़े होने पर भी उनमें बनी रहती हैं। इसलिए वह कभी इसे तोड़ने का प्रयास नहीं करते। क्योंकि उन्हें अब भी यही लगता है कि वे इससे छुटकारा नहीं पा सकते।‘
Trainer कि ये बाते सुनकर वह आदमी बहुत ही आश्चर्यचकित हुआ और मन ही मन सोचने लगा ये जानवर इस बंधन से किसी भी वक्त छुटकारा पा सकते हैं लेकिन अपने mindset की वजह से वह ऐसा नहीं कर पाते!
Friends, हम में से कितने ही लोग पूरी life हाथियों कि ही भांति यह सोचते हुए बिता देते है कि हम कुछ नहीं कर सकते, और वो सिर्फ इसलिए की हम अपने पहले के एक प्रयास में असफल हो गए रहते है।
पहली बार किसी काम में असफल होना स्वभाविक है। किसी काम में सफल न होना सीखने कि एक प्रक्रिया। हमें अपनी पूर्व कि गलतियों से सीखकर आगे बढ़ना चाहिए। हाथी की तरह हार मानकर प्रयास करना ही नहीं छोड़ देना चाहिए।
No comments:
Post a Comment